आधुनिक-विज्ञान व पुरा वैदिक-विज्ञान, धर्म, दर्शन, ईश्वर, ज्ञान के बारे में फ़ैली भ्रान्तियां, उद्भ्रान्त धारणायें व विचार एवम अनर्थमूलक प्रचार को उचित व सम्यग आलेखों, विचारों व उदाहरणों, कथा, काव्य से जन-जन के सम्मुख लाना---ध्येय है, इस चिठ्ठे का ...
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
लोकप्रिय पोस्ट
-
विराट कवि-समागम समारोह सम्पन्न --- | The world of my thoughts,(shyam smriti, i.e.modern MANU SMRITI.)
-
मीमांसा दर्शन के अनुसार किसी वस्तु या व्यापार के लिए प्रमाण इस प्रकार देखना चाहिए ---- प्रत्यक्ष प्रमाण , अनुमान प्रमाण ...
-
शरण कहाँ मिलेगी --रचनाकार --राजेन्द्र स्वर्ण कार -- मूल्य संस्कार नैतिकता मर्यादा आत्म विवेचन और जीव ऐसे ही कुछ अन्य … विलुप्त जातियों...
-
चेतना , चिंतन और अन्तःकरण चतुष्टय व अध्यात्म वृत्तियों का महत्त्व या अनुरागी चित्त की गति समुझे नहीं कोय ज्यों ज्यों बूढ़े श्याम र...
-
जलप्रलय - गोंडवाना लेंड एवं भरत-खंड .... भ...
-
भुज्यु - राज की सागर में डूबने से रक्षा ( अश्विनीकुमार बंधुओं का एक और सफल आपात...
फ़ॉलोअर
विग्यान ,दर्शन व धर्म के अन्तर्सम्बन्ध
- drshyam
- लखनऊ, उत्तर प्रदेश, India
- --एक चिकित्सक, शल्य-विशेषज्ञ जिसे धर्म, दर्शन, आस्था व सान्सारिक व्यवहारिक जीवन मूल्यों व मानवता को आधुनिक विज्ञान से तादाम्य करने में रुचि व आस्था है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें