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----सब कुछ मौजूद है , वैदिक साहित्य में , आवश्यकता है स्वयं को पहचानने की , जानने की , मानने की , श्रृद्धा की -उस पर खोज-विचार करने की ,विज्ञान -दर्शन- धर्म के समन्वित रूप को बिना पूर्वाग्रह के ग्रहण करने की ।
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