आधुनिक-विज्ञान व पुरा वैदिक-विज्ञान, धर्म, दर्शन, ईश्वर, ज्ञान के बारे में फ़ैली भ्रान्तियां, उद्भ्रान्त धारणायें व विचार एवम अनर्थमूलक प्रचार को उचित व सम्यग आलेखों, विचारों व उदाहरणों, कथा, काव्य से जन-जन के सम्मुख लाना---ध्येय है, इस चिठ्ठे का ...
सोमवार, 6 दिसंबर 2010
पुरा समाज ---डा श्याम गुप्त.....
----मैं यह नहीं कहूंगा कि हमारे पुरखों ने भी वायुयान बना लिए थे , वे भी चन्द्रमा आदि ऊपर के लोकों को जाचुके थे । आज के नवीन अस्त्र -शस्त्र भी उनके समय में थे । परन्तु पुष्पक विमान में उड़ने की ,अग्नि बाण संधान की व स्वर्ग की कल्पना कर सकने वाला समाज -मानव निश्चय ही खाली पेट, भूखा व भूख की समस्या से ग्रसित नहीं होगा। निश्चय ही वह रोटी, कपड़ा व मकान की समस्या को हल कर चुका होगा।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
लोकप्रिय पोस्ट
-
प्राचीन भारत में शल्य चिकित्सा ( डा श्याम गुप्त ) प्राचीन भारतीय...
-
सृष्टि व ब्रह्माण्ड भाग ४ ( भाग ३ में हमने सृष्टि संरचना(वैदिक विज्ञान...
-
श्रुतियों व पुराण-कथाओं में भक्ति-पक्ष के साथ व्यवहारिक-वैज्ञानिक तथ्य-अंक-९ .... आधुनिक विज्ञान के तथ्य..... ...
-
Monday, March 8, 2010 डॉ श्याम गुप्त का आलेख ---नई सदी में नारी--नारी मुक्ति का मार्ग व आ...
-
आयुर्वेद एक सारभूत वर्णन--- भाग एक अन्य भारतीय ज्ञान व विद्याओं की भाँति भारतीय चिकित्सा विज्ञान भी अत्यंत विकसित था ...
-
---देखिये अर्थ का अनर्थ , जो सारे किये कराये पर पानी फेर सकता है एवं बच्चों को गलत उदाहरण पेश कर सकता है । आरुणी व ...
-
विराट कवि-समागम समारोह सम्पन्न --- | The world of my thoughts,(shyam smriti, i.e.modern MANU SMRITI.)
-
सृष्टि महाकाव्य--षष्टम सर्ग, ब्रह्मान्ड खन्ड......डा श्याम गुप्त...... सृष्टि महाकाव्य -( ईषत - इच्छा या बि...
-
शरण कहाँ मिलेगी --रचनाकार --राजेन्द्र स्वर्ण कार -- मूल्य संस्कार नैतिकता मर्यादा आत्म विवेचन और जीव ऐसे ही कुछ अन्य … विलुप्त जातियों...
फ़ॉलोअर
ब्लॉग आर्काइव
-
▼
2010
(35)
-
▼
दिसंबर
(8)
- सृष्टि महाकाव्य...पंचम खंड..भाग दो..
- सृष्टि महाकाव्य..पंचम सर्ग..भाग एक..
- सृष्टि महाकाव्य..चतुर्थ सर्ग...डा श्याम गुप्ता ...
- सृष्टि महाकाव्य..तृतीय सर्ग...डा श्याम गुप्त....
- सृष्टि महाकाव्य--द्वितीय सर्ग...डा श्याम गुप्त.......
- अगीत महाकाव्य ---सृष्टि --बिगबेंग या ईषत...
- हल्दी, कढ़ी, फोटोथीरेपी,..विज्ञान और अंधविश्वास .....
- पुरा समाज ---डा श्याम गुप्त.....
-
▼
दिसंबर
(8)
विग्यान ,दर्शन व धर्म के अन्तर्सम्बन्ध
- drshyam
- लखनऊ, उत्तर प्रदेश, India
- --एक चिकित्सक, शल्य-विशेषज्ञ जिसे धर्म, दर्शन, आस्था व सान्सारिक व्यवहारिक जीवन मूल्यों व मानवता को आधुनिक विज्ञान से तादाम्य करने में रुचि व आस्था है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें